भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और जर्मनी की विदेश मंत्री अनलेना बेयरबॉक के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई. इस दौरान भारत ने जर्मनी को पाकिस्तान के साथ जमीनी हालात से अवगत कराया. साथ ही कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए माहौल अनुकूल क्यों नहीं है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के रहते पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती है.
दोनों देशों के बीच वार्ता समाप्त होने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाहरलाल नेहरू भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान को लेकर जर्मनी की विदेश मंत्री से बात हुई है. हमने जर्मनी को बताया कि सीमा पार आतंकवाद बड़ी चुनौती है.
दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की बर्लिन यात्रा के दौरान जर्मनी की विदेश मंत्री ने कश्मीर विवाद को सुलझाने में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका की वकालत की थी.
जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक ने कहा था कि कश्मीर के हालात को लेकर हम शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए यूएन की भागीदारी का समर्थन करते हैं. वहीं भारत ने इस मामले को जर्मनी के सामने उठाया है. साथ ही अपना रुख बता दिया है कि बातचीत और आतंकवाद साथ नहीं चल सकते.
ऊर्जा-आर्थिक सहयोग पर चर्चा की
दोनों पक्षों ने ऊर्जा से लेकर आर्थिक सहयोग से लेकर वीजा जारी करने में देरी के मुद्दे जैसे महत्व के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की. दोनों पक्षों ने ‘प्रवास और गतिशीलता पर व्यापक सहयोग’ पर एक बड़े समझौते पर हस्ताक्षर किए.
वीजा मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम आशा करते हैं कि आने वाले महीनों इसका समाधान किया जाएगा, ताकि बैकलॉग को साफ किया जा सके. मुझे पूरा विश्वास है कि अनलेना बेयरबॉक इस बारे में प्रयास करेंगी.
इसके जवाब में बेयरबॉक ने कहा कि मैं जानती हूं कि कई भारतीयों को इंडिया में हमारे दूतावास में वीजा के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. इसका समाधान करना हमारी प्राथमिकता में शामिल है. हम चाहते हैं कि अत्यधिक कुशल लोग और छात्र जर्मनी आएं. उन्होंने कहा कि जब हमारे लोगों के बीच संबंधों की बात आती है, तो हम ठोस कदम उठाते हैं. माइग्रेशन और मोबिलिटी पार्टनरशिप पर हमने हस्ताक्षर किए हैं.
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