जेल में बंद कैदियों के पास अक्सर फोन मिलने की घटनाएं सामने आती हैं. जेल पुलिस की साठगांठ या फिर पुलिसकर्मियों की नजरों से छुपाकर जेल में बंद कैदी मोबाइल फोन ऑपरेट करते रहते हैं. ऐसा ही केस बिहार के गोपालगंज मंडल कारा (जेल) से सामने आया है.
यहां पर मादक पदार्थ तस्करी मामले में सजा काट रहे कैदी के पास मोबाइल फोन था. सिपाही के डर से छुपाने के लिए उसने जल्दबाजी में मोबाइल फोन निगल लिया. कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई. अस्पताल में एक्स-रे करने पर उसके पेट में मोबाइल फोन साफ नजर आया. फिलहाल कैदी कैशर अली का सदर अस्पताल में इलाज जारी है.
जानकारी के मुताबिक, गोपालगंज मंडल कार में हैरतअंगेज मामला सामने हुआ. कैशर अली नाम के का कैदी यहां मादक पदार्थ तस्करी केस में जेल की सजा काट रहा है. वह जेल में बंद रहते हुए मोबाइल फोन का यूज कर रहा था. शनिवार की रात को जब वह मोबाइल फोन चला रहा था उसी समय ड्यूटी पर तैनात सिपाही आ गया.
घबराहट में मोबाइल निगला
सिपाही को आता देख कैशर अली घबरा गया और उसने मोबाइल फोन निगल लिया. कुछ ही देर बार उसके पेट में भयंकर दर्द शुरू हो गया. उसने जेल प्रशासन से पेट में दर्द होने की बात कही साथ ही बताया कि उसने मोबाइल फोन निगल लिया है. यह बात सुनकर जेल प्रशासन के भी कान खड़े हो गए. आनन-फानन में उसे सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया.
यहां एक कैदी ने पकड़े जाने के भय से मोबाइल फोन निगल गया. पेट में भयंकर दर्द होने पर उसे सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शनिवार की रात को भर्ती कराया गया. जब डॉक्टरों ने उसकी जांच की तब उसके पेट से एक फॉरेन पार्टीकल मिला है.
पेट में मिला मोबाइल
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक डॉ. सलाम सिद्दीकी का कहना है कि मंडल कारा से कैदी कैशर अली को पेट दर्द की शिकायत होने के बाद लाया गया था. उसके पेट का एक्स-रे कराया गया तो उसमें फॉरेन पार्टीकल होने की पुष्टि हुई. पूछने पर सामने आया कि उनसे पकड़े जाने के डर से मोबाइल फोन निगल लिया था.
यह है कैदी कैशर अली का कहना
कैदी कैशर अली का कहना है कि मेरे पास मोबाइल फोन था. सिपाही के भय से मोबाइल को निगल लिय. उसके कुछ समय के बाद पेट में तेज दर्द हुआ. जेल प्रशासन ने सदर अस्पताल में लाकर भर्ती कराया है, जहां इलाज चल रहा है.
मादक पदार्थ के साथ किया गया था गिरफ्तार
मिली जानकारी के अनुसार कैशर अली के पिता का नाम बाबुजान मियां है और वह इंरदवा रफी गांव का रहने वाला है. 17 जनवरी 2020 को कैशर को हजियापुर गांव के पास से स्मैक (मादक पदार्थ) के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने उसे जेल की सजा सुनाई थी. तभी से वह मंडल कारा में बंद है.