चीन में सख्त लॉकडाउन के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद जनता को राहत दे दी गई है, लेकिन अपनी कठोर शून्य कोविड नीति के खिलाफ हुए इन प्रदर्शनों को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने छात्रों का प्रदर्शन बताया है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिनपिंग ने यूरोपीय संघ के राष्ट्रपति चार्ल्स मिशेल से कहा कि ये प्रदर्शन छात्रों द्वारा किए गए थे क्योंकि वो महामारी के तीन साल बाद निराश थे.
जिनपिंग ने गुरुवार को बीजिंग में मिशेल के साथ बातचीत की. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मिशेल ने वैक्सीन के उपयोग के लिए उनसे अपील की और चीन के सरकारी मापदंडों पर सवाल उठाए. मिशेल ने कहा कि राष्ट्रपति ने बताया है कि तीन साल के कोविड के बाद उनके पास एक मुद्दा था क्योंकि लोग निराश थे, ये मुख्य रूप से विश्वविद्यालय में छात्र या किशोर थे.
यूरोपीय अधिकारियों का कहना है कि मिशेल के साथ बैठक के दौरान शी की टिप्पणी से संकेत मिलता है कि वो लॉकडाउन में और ढील देने को तैयार हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी नेता ने यह भी कहा है कि प्रमुख ओमिक्रॉन तनाव “कम घातक” है, हालांकि उन्होंने बुजुर्गों के टीकाकरण के बारे में चिंता व्यक्त की.
यह पहली बार है जब शी ने जनता के विरोध पर टिप्पणी की, जिसके बारे में बताया गया कि इससे उनकी सरकार को झटका लगा है. इसके बाद चीन के सभी प्रमुख शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. चीन में सख्त लॉकडाउन के खिलाफ कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए. साथ ही कोरोना फैलने से रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा स्कोर अपार्टमेंट को बंद कर दिया गया.
जिनपिंग के खिलाफ चीन में नारेबाजी
प्रदर्शनकारियों ने शी जिनपिंग के खिलाफ भी नारेबाजी की और उनसे पद छोड़ने की मांग की. बीते तीन सालों में कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से बीजिंग समेत कई शहरों में फैला है, जिसकी वजह से सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से सत्ता छोड़ने की मांग होने लगी. शी ने मिशेल को बताया कि चीन में कोविड-19 की प्रमुख समस्या मुख्य रूप से ओमिक्रॉन है, और डेल्टा इससे पहले बहुत अधिक घातक था. इस रिपोर्ट में अब तक बीजेपी में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस दौरान मिशेल ने यूरोप में हुए वैक्सीनेशन को लेकर अपने अनुभव साझा किए.
बुजुर्गों के अलावा वैक्सीनेशन पर्सेंटेज अच्छा: चीन
शी ने बताया कि चीन में बुजुर्गों को छोड़कर वैक्सीनेशन का प्रतिशत काफी अच्छा है. आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि चीन में, 60 वर्ष से अधिक आयु के केवल 68.7 प्रतिशत लोगों ने कोविड-19 वैक्सीन की तीन खुराक ली हैं. 80 और उससे अधिक आयु वालों के लिए, केवल 40.4 प्रतिशत ने बूस्टर खुराक ली है.
यूरोपीय वैक्सीन को नहीं दिया लाइसेंस
चीन ने अभी तक आम जनता के लिए पश्चिमी टीकों के उपयोग का लाइसेंस नहीं दिया है, लेकिन पिछले महीने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज़ के साथ एक बैठक के दौरान, शी ने संकेत दिया कि देश में रहने वाले विदेशियों को BioNTech/Pfizer वैक्सीन लेने की मंजूरी दी जाएगी. BioNTech ने पिछले साल अपने mRNA टीकों के लिए चीनी लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन इसे अभी तक प्रदान नहीं किया गया है.