केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को चेन्नई में एक कार्यक्रम कहा कि तमिल का विस्तार करने की जिम्मेदारी सिर्फ तमिलनाडु की नहीं बल्कि पूरे देश की है. उन्होंने कहा- मैं तमिलनाडु सरकार से आग्रह करता हूं कि राज्य में तमिल भाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई जाए, जैसा दूसरे राज्यों में भी किया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर तमिलनाडु सरकार ऐसा करती है, तो तमिल माध्यम के छात्रों को मेडिकल साइंस को समझने में बहुत आसानी होगी और वे अपनी मातृभाषा में रिसर्च एंड डिवेलपमेंट पर काम कर राष्ट्र का विकास करेंगे.
अमित शाह ने बताया कि एआईसीटीई के डेटा से पता चलता है कि तमिल माध्यम के छात्रों के लिए आवंटित 1350 सीटों में से केवल 50 या 60 सीटें ही भरी गई हैं. अगर तमिलनाडु सरकार अन्य राज्यों की तरह चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा में तमिल माध्यम को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करती है, तो उन्हें लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. यह तमिलनाडु की बहुत बड़ी सेवा होगी.
UP में भी हिंदी में होगी MBBS और इंजीनियरिंग की पढ़ाई
उत्तर प्रदेश में भी हिंदी में MBBS की पढ़ाई होगी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 15 अक्टूबर को अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से इसकी जानकारी दी थी.
उन्होंने लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग की कुछ पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कर दिया गया है. आगामी वर्ष से प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में इन विषयों के पाठ्यक्रम हिंदी में भी पढ़ने के लिए मिलेंगे.’ एक रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने एमबीबीएस के तीन विषयों की किताबें हिंदी में करने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है. इनमें जैन रसायन, शरीर रचना और चिकित्सा शरीर विज्ञान शामिल हैं.