अंतरराष्ट्रीय परमाणु निगरानी संस्था (IAEA) ने भारत की तरफ से मिसफायर हुई ब्रह्मोस मिसाइल को लेकर बड़ा बयान दिया है. IAEA ने भारत का साथ दिया है और कहा- मार्च 2022 में पाकिस्तान की तरफ मिसफायर हुई ब्रह्मोस मिसाइल को वह चिंताजनक नहीं मानते हैं. संस्था ने आगे कहा कि ये घटना किसी भी तरह से यह नहीं दर्शाती है कि भारत में परमाणु हथियार या सामग्री सुरक्षित नहीं है.
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर हो रही बैठक COP-27 के दौरान IAEA के डायरेक्टर जनरल राफेल ग्रॉसी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में यह भी कहा कि इस घटना को हमले (खतरे) के रूप में नहीं देखा गया और हमने इस मसले पर भारत सरकार से भी किसी प्रकार की कोई बातचीत नहीं की है.
पाकिस्तान में गिरी थी मिसाइल
बता दें कि 9 मार्च 2022 को भारत की तरफ से एक मिसाइल फायर हो गई थी. यह मिसाइल पाकिस्तान के इलाके में जाकर गिरी थी. मिसाइल में किसी भी प्रकार का कोई हथियार या विस्फोटक पदार्थ मौजूद नहीं होने के कारण किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था.
हालांकि, पाकिस्तान ने इस घटना पर भारत को चेतावनी दी थी. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए नसीहत दी थी कि भारत भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए.
भारत सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा था कि ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल नियमित मेंटनेंस के दौरान फायर हो गई थी. भारतीय रक्षा मंत्रालय ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए थे. जांच के बाद अगस्त में वायु सेना के तीन अधिकारियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार बताते हुए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था.
भारत में परमाणु हथियार या सामग्री पूरी तरह से सुरक्षित
क्या पाकिस्तान पर मिसाइल मिसफायर होने की घटना पर (IAEA) ने भारत से जवाब मांगा है? इस सवाल के जवाब में IAEA के डायरेक्टर ग्रोसी ने कहा कि “नहीं, हमने भारत से किसी भी प्रकार का कोई जवाब नहीं मांगा है.” भारत में परमाणु बम या सामग्री की सुरक्षा पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह घटना किसी भी प्रकार से यह नहीं दर्शाती है कि भारत में परमाणु हथियार या सामग्री सुरक्षित नहीं है.
ग्रोसी ने कहा कि हम लगातार पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों की स्थिति पर नजर बनाए रखते हैं. लेकिन ब्रह्मोस मिसाइल की मिसफायर की घटना हमें चिंताजनक नहीं लगी.
भारत परमाणु हथियार बनाने का बेहतर प्लेटफार्म
अंतरराष्ट्रीय परमाणु निगरानी संस्थान के डायरेक्टर जनरल राफेल ग्रॉसी ने कहा कि, “मैं भारत को नई टेक्नोलॉजी और नए परमाणु हथियार निर्माण के लिए एक उभरते हुए प्लेटफार्म के रूप में देख रहा हूं.” उन्होंने कहा कि भारत उन कुछ चुनिंदा देशों में से है जो लगातार ब्रीडर (खपत की गई ऊर्जा से ज्यादा ईंधन पैदा करने वाला रिएक्टर), फास्ट रिएक्टर, सोडियम रिएक्टर समेत कई अन्य नई तकनीक के ऊपर काम कर रहा है, जो कि बहुत से देश नहीं कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भारत का मौसम और उसकी भौगोलिक स्थिति छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के निर्माण के लिए भी अनुकूल हैं. उन्होंने कहा कि मुझे इसमें विशेष दिलचस्पी है कि भारत इसके ऊपर भी काम करे.
भारत के पास अद्भुत क्षमता
ग्रोसी ने कहा कि हालांकि, यह सच है कि न्यूक्लियर इंडस्ट्री का विस्तार भारत में उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रहा है. लेकिन इसमें तेजी कभी भी आ सकती है. उन्होंने कहा कि भारत के पास तकनीकी आधार है जो परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में तेजी लाने के लिए काफी है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत जैसे मुट्ठी भर देश हैं जो बहुत तेजी से अपनी परमाणु ऊर्जा को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं.