पुरानी रंजिश का इंतकाम क्या होता है. आज राजस्थान का सीकर इसका गवाह बना. शनिवार को हथियार लहराते 4 हमलावर आए और कुख्यात गैंगस्टर राजू ठेठ को गोलियों से भूनकर चलते बने. इस दौरान सिर्फ गैंगस्टर राजू की ही हत्या नहीं हुई बदमाशों ने बल्कि एक बेगुनाह किसान की भी जान ले ली, जो यहां कोचिंग कर रही अपनी बेटी से मिलने सीकर पहुंचा था. पिता के शव से लिपटकर रोती-बिलखती छात्रा का वीडियो देख सभी का दिल पसीज गया.
किसान की गलती सिर्फ इतनी थी कि राजू ठेठ को भूनकर भाग रहे बदमाशों को उन्होंने अपनी गाड़ी की चाबी देने से इनकार कर दिया. बस फिर क्या था. बदमाशों ने आव देखा न ताव और नागौर जिले के छोटू खाटू निवासी को गोली मार दी और उनकी सफेद कार लेकर फरार हो गए. किसान की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है. पुलिस ने चार बदमाशों की पहचान भी कर ली है. उनकी धर पकड़ के लिए राज्य का चप्पा-चप्पा छाना जा रहा है.
रोहित गोदारा ने हत्याकांड की जिम्मेदारी
दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड को लेकर पुलिस कुछ समझ पाती, कुछ अंदाजा लगा पाती, इससे पहले ही गैंगस्टर लॉरेस बिश्नोई के अरबैजान में बैठे गुर्गे रोहित गोदारा ने हत्या की जिम्मेदारी ले ली. सोशल मीडिया में फेक आई से डाले पोस्ट में रोहित गोदारा ने दावा किया कि पुलिस एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर आनंदपाल की मौत का बदला ले लिया. इसके साथ ही उसने अपने दूसरे पोस्ट में किसान ताराचंद की मौत पर खेद भी जताया.
ताराचंद से कोई दुश्मनी नहीं थी- गोदारा
रोहित गोदारा ने अपने पोस्ट में लिखा, “आज जो राजू ठेठ की हत्या हुई है, हमने की है. क्योंकि ये हमारा दुश्मन था. इसका हमें कोई खेद नहीं है. लेकिन इसके साथ जो ये ताराचंद जी का निधन हुआ है, इनसे हमारी कोई दुश्मनी नहीं थी. इस घटना को लेकर उनके पूरे परिवार और पूरे समाज से माफी मांगता हूं. मैं इस परिवार की हर तरीके से सहयोग करने की कोशिश करूंगा. क्योंकि लड़ाई हमारी और हमारे दुश्मनों की आपस में है. इनके निधन का हमें खेद है. इस नुकसान की भरपाई तो हम नहीं कर सकते, लेकिन इनसे हमारा कोई लेनदेन नहीं था. भगवान इनकी पुण्य आत्मा को शांति प्रदान करें.”
आनंदपाल से जुड़ रहे हत्याकांड़ के तार
बता दें कि गैंगस्टर राजू ठेठ और आनंदपाल गैंग की दुश्मनी पुरानी है. ठेठ ने आनंदपाल पर हमला भी किया था. जिसमें वो बाल-बाल बच गया था. बाद में पुलिस एनकाउंटर में आनंदपाल ढेर हो गया और उसकी गर्लफ्रेंड अनुराधा को NIA ने दबोच लिया. लेकिन राजू ठेठ और आनंदपाल गैंग की दुश्मनी खत्म नहीं हुई बाद में आनंदपाल गैंग और लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने हाथ मिला लिया. माना जा रहा है कि लॉरेंस गैंग ने इसी दोस्ती को मजबूत करने के लिए आनंदपाल के दुश्मन राजू ठेठ को टारगेट बनाया और अजरबैजान में बैठा रोहित ने हरियाणा से शूटर्स को हायर कर राजू पर हमला करवा दिया.
महंगी गाड़ियों और बाइक का शौकीन था राजू ठेठ
राजू ठेठ का शेखावटी इलाके में वर्चस्व था. महंगी गाड़ियों और बाइक का शौकीन राजू ठिकाना बदला रहता और रील बनाकर सोशल मीडिया पर डालता रहता था. इसकी हत्या के बाद सीकर में दहशत है. गैंगवार के तेज होने का डर भी है. इस कारण बाजार बंद कर दिए गए हैं. पूरे राजस्थान में नाकाबंदी कर दी गई है और बदमाशों की तलाश में पुलिस की कई टीमें जुटी हैं.
पुलिस दो थ्यौरी पर भी कर रही जांच
1. जेल में बंद राजू ठेठ का भाई ओमप्रकाश थेठ उर्फ ओमा जेल में बैठकर इस हत्या में शामिल हो सकता है. उसे अपने ही परिवार की एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह सोचता है कि वह राजू ही था, जिसने पुलिस पर उसे गिरफ्तार करने का दबाव डाला.
2. कभी बलबीर बनूदा का करीबी सहयोगी रहे सुभाष बराल की हत्या की योजना राजू ठेठ ने बनाई थी. माना जा रहा है कि वह भी लॉरेंस विश्नोई की मदद से इस पूरे साजिश की योजना के पीछे हो सकता है. बराल ने कथित तौर पर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में बिश्नोई की मदद की थी.