उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और पांच राज्यों की 6 विधानसभा सीटों पर आज मतदान होगा. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी सीट पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है. इसके अलावा यूपी में रामपुर सदर और खतौली, ओडिशा में पदमपुर, राजस्थान में सरदारशहर, बिहार में कुढ़नी और छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीटें पर उपचुनाव की वोटिंग होगी. उपचुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे.
उत्तर प्रदेश में रामपुर सदर और खतौली विधानसभा सीटों और मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा और समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. बसपा और कांग्रेस इन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. यूपी के उपचुनावों में 24.43 लाख लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसमें 13.14 लाख पुरुष मतदाता, 11.29 लाख महिला मतदाता और 132 थर्ड जेंडर वोटर शामिल हैं. 1,945 मतदान केंद्रों पर 3,062 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. यहां सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक मतदान होगा.
मैनपुरी से चुनाव लड़ रहीं डिंपल यादव
समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण मैनपुरी संसदीय सीट पर उपचुनाव हो रहा है. मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा की उम्मीदवार हैं, जबकि भाजपा ने मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव के पुराने भरोसेमंद रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है. मैनपुरी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल 6 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें 2 महिलाएं हैं.
आजम और सैनी के अयोग्य घोषित होने से उपचुनाव
यूपी की रामपुर सदर सीट से आजम खान समाजवादी पार्टी से विधायक थे. उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है, जबकि खतौली में बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को भी सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित किया गया है. खतौली सीट पर 14 और रामपुर सदर सीट से 10 प्रत्याशी मैदान में हैं. खतौली से 4 महिलाएं प्रत्याशी भी चुनाव लड़ रही हैं.
प्रशासन की शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचा सपा डेलीगेशन
समाजवादी पार्टी की ओर से प्रशासन पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है. इसकी शिकायत को लेकर सपा के 18 विधायकों का डेलीगेशन मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर पहुंचा. हालांकि आयोग का दफ्तर बंद था, जिसके बाद डेलीगेशन वापस बेरंग लौट आया. डेलीगेशन का आरोप है कि रामपुर में पुलिस प्रशासन की मदद से लोगों को लोगों को धमकाया जा रहा है. मुस्लिम बाहुल्य बस्तियों में मतदान की पर्चियां तक नहीं बंटने दी जा रही है. इसके अलावा मैनपुरी में बीजेपी के लोग पैसा और शराब बांट रहे हैं होटलों में लोग इकट्ठा कर आम जनता को बरगलाने का काम कर रहे हैं.
सरदारशहर में बीजेपी-कांग्रेस में मुकाबला
राजस्थान की सरदारशहर सीट पर कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा (77) का कब्जा था, जिनका लंबी बीमारी के बाद 9 अक्टूबर को निधन हो गया था. कांग्रेस ने दिवंगत शर्मा के बेटे अनिल कुमार को मैदान में उतारा है जबकि पूर्व विधायक अशोक कुमार भाजपा के उम्मीदवार हैं. इनके अलावा आठ अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं.
छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट पर उपचुनाव
छत्तीसगढ़ के कांकेर में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भानुप्रतापपुर सीट पर उपचुनाव हो रहा है. यहां पिछले महीने कांग्रेस विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज सिंह मंडावी का निधन हो गया था. इस सीट पर 7 उम्मीदवार मैदान में हैं. हालांकि, मुख्य रूप से सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है. कांग्रेस ने दिवंगत विधायक की पत्नी सावित्री मंडावी को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा के उम्मीदवार पूर्व विधायक ब्रह्मानंद नेताम हैं. आदिवासी समाज ने भी भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अकबर राम कोर्रम को मैदान में उतारा है, जो निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. कोर्रम 2020 में पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) के पद से सेवानिवृत्त हुए.
BJD विधायक के निधन से खाली हुई थी पदमपुर सीट
ओडिशा की पदमपुर सीट पर बीजद विधायक बिजय रंजन सिंह बरिहा के निधन के कारण उपचुनाव हो रहा है. यहां 10 प्रत्याशी मैदान में हैं. बीजद ने इस सीट से दिवंगत विधायक की बेटी बरसा को उम्मीदवार बनाया है. पदमपुर सीट पर बीजेडी के लिए उपचुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले धामनगर में बीजेडी को हार का सामना करना पड़ा था.
कुढ़नी में लड़ रही है जेडीयू
इसी तरह, बिहार के कुढ़नी विधानसभा सीट पर जदयू के उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा मैदान में हैं. यहां राजद विधायक अनिल कुमार साहनी को अयोग्य घोषित किया गया था. इस सीट पर भी होने वाले उपचुनाव से नीतीश कुमार को राहत मिल सकती है, वहीं अगर जेडीयू प्रत्याशी की हार होती है तो उन्हें विरोधियों का सामना करना पड़ेगा.