ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर टीम इंडिया के हौसले बुलंद हैं. रोहित ब्रिगेड शुक्रवार से दिल्ली में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी और कोशिश करेगी कि फिर से तीन दिन में नतीजा हासिल कर सके. लेकिन शीर्ष क्रम की चिंता बरकरार है. दरअसल, केएल राहुल का लंबे समय से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाना चिंता का विषय बना हुआ है. कोटला की पिच पर यह मैच सुबह 9:30 बजे शुरू होगा.
पुजारा का 100वां टेस्ट… पर शीर्ष क्रम की चिंता बरकरार
टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा के करियर का यह 100वां टेस्ट होगा. यहां तक पहुंचने में उन्हें 13 साल लगे. पुजारा 20वां टेस्ट शतक जड़कर इस व्यक्तिगत उपलब्धि का जश्न मनाने के लक्ष्य के साथ मैदान पर उतरेंगे. लेकिन भारत के शीर्ष क्रम की चिंता बरकरार है. कप्तान रोहित शर्मा को छोड़ दें तो अन्य बल्लेबाज शुरुआती टेस्ट में नहीं चल सके. नागपुर में पहले टेस्ट में रोहित ने शतकीय पारी खेली. राहुल के अलावा संघर्ष करने वाले खिलाड़ियों की सूची में विराट कोहली और कुछ हद तक पुजारा भी शामिल हैं. स्पिनरों का सामना करने में कोहली कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसलिए कोहली का फिर से नाथन लियोन और टॉड मर्फी का सामना करना दिलचस्प हो सकता है.
Hard-work 💪
Focus 👌
Smiles 😊#TeamIndia gear up for the 2⃣nd #INDvAUS Test 👍 👍 pic.twitter.com/gY4wkgIlfc
— BCCI (@BCCI) February 16, 2023
KL राहुल के लिए समय निकलता जा रहा
30 साल के केएल राहुल के लिए समय निकलता जा रहा है, क्योंकि शुभमन गिल को बेहतरीन फॉर्म में होने के बावजूद इंतजार करना पड़ रहा है. राहुल 46 टेस्ट करियर में मिले इतने सारे मौकों का फायदा नहीं उठा सके हैं और उनका एवरेज भी 34.07 का ही रहा है. अंतिम दो टेस्ट के लिए टीम की घोषणा से पहले अगर कर्नाटक का यह खिलाड़ी फिर असफल रहता है तो यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम प्रबंधन क्या फैसला करता है.
रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने नागपुर में पारी की जीत के दौरान ऑस्ट्रेलियाई टीम को काफी दबाव में ला दिया था, लेकिन फिरोजशाह कोटला में एक और धीमी गति की टर्न लेने वाली पिच होगी या नहीं, इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. वहीं, आस्ट्रेलियाई टीम जब तक अच्छी बल्लेबाजी नहीं करेगी तब तक इस टेस्ट को पांचवें दिन तक नहीं ले जा पाएगी. फिरोजशाह कोटला की पिच पर जब नमी सूख जाएगी तो यह पिच निर्जीव हो जाएगी.
भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं थी कि हाल के दिनों में जडेजा, ऋषभ पंत (अभी चोटिल) और श्रेयस अय्यर (फिट हो चुके) की मध्यक्रम की तिकड़ी ने ज्यादातर मौकों पर टीम को संकट से बाहर निकाला है. यहां तक कि नागपुर में शुरुआती टेस्ट में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम को समेटने का काम अक्षर पटेल और जडेजा की जोड़ी ने किया था.
भारतीय बल्लेबाजों को क्या करना होगा?
कोटला की पिच जामथा की तुलना में थोड़ी धीमी हो सकती है, जिससे भारतीय बल्लेबाजों को अपने कप्तान की तरह की बल्लेबाजी का अनुकरण करना होगा, जिसमें रक्षात्मक होने के साथ आक्रामकता भी हो. मैदान में एक तरफ छोटी बाउंड्री है तो ऑस्ट्रेलियाई कप्तान कप्तान पैट कमिंस ‘ओल्ड पवेलियन’ छोर से नाथन लियोन को गेंदबाजी कराने में सतर्क रहेंगे, क्योंकि लेग साइड की बाउंड्री मुश्किल से 60 मीटर होगी.
वहीं, अय्यर ने पीठ के निचले हिस्से में चोट के बाद अपना रिहैब पूरा कर लिया है और मौजूदा टीम प्रबंधन के नियमों के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी चोटिल होने से पहले अच्छा प्रदर्शन कर रहा था तो उसे अंतिम एकादश में अपनी जगह वापस मिल जाएगी. बल्कि द्रविड़ ने कहा था, ‘अगर अय्यर पांच दिवसीय टेस्ट का कार्यभार संभाल लेते हैं तो वह टीम में शामिल हो सकते हैं.’
अय्यर को खिलाना कितना जोखिम भरा फैसला?
अय्यर ने 30 दिन से अधिक समय तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है तो उनकी मैच फिटनेस की जांच किए बिना उन्हें सीधे टेस्ट मैच में खिलाना क्या जोखिम भरा नहीं होगा? यह सवाल थोड़ा मुश्किल है. सूर्यकुमार यादव के मामले में अय्यर की जगह शामिल करने से कहीं ज्यादा भारत उन्हें मध्य क्रम में पंत का रवैया अख्तियार करने के रूप में खिलाना चाहता है क्योंकि केएस भरत अच्छे विकेटकीपर हैं जो बल्लेबाजी भी कर सकते हैं.
दूसरी तरफ डेविड वॉर्नर को एक और मौका मिलेगा या नहीं, यह सवाल कायम है. वॉर्नर का खराब प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के लिए चिंता का विषय है. क्या उन्हें एक और मौका मिलता है यह देखना होगा।
टीम में मैट कुहनेमैन के रूप में एक अतिरिक्त बाएं हाथ का स्पिनर लाने के बाद यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या ऑस्ट्रेलिया तीन स्पिनरों के साथ उतरने का फैसला करता है या नहीं. मिचेल स्टार्क अगर फिट होते हैं तो स्कॉट बोलैंड की जगह ले सकते हैं.
टीमें इस प्रकार हैं-
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, शुभमन गिल, रविद्र जडेजा, केएस भरत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, सूर्यकुमार यादव, उमेश यादव, ईशान किशन (विकेटकीपर).
ऑस्ट्रेलिया: पैट कमिंस (कप्तान), डेविड वॉर्नर, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशेन, स्टीव स्मिथ, ट्रेविस हेड, एलेक्स कैरी (विकेटकीपर), मैट रेनशॉ, पीटर हैंड्सकॉम्ब, नाथन लियोन, एश्टन एगर, स्कॉट बोलैंड, लांस मॉरिस, मिशेल स्वेपसन, टॉड मर्फी, जोश हेजलवुड (अनुपलब्ध), कैमरन ग्रीन (अनुपलब्ध), मिचेल स्टार्क (दूसरे टेस्ट से).