Minister Murder Mystery: हत्यारोपी से मर्डर का मोटिव उगलवाने में नाकाम पुलिस, अब गुजरात में होगा नार्को टेस्ट – Odisha Minister Nab Kishore Das Murder Mystery Disclosure Accused Gopal Krishna Gujarat Narco Test Polygraph Test Police Investigation Crime LNO


ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की गोली मारकर हत्या करने वाले बर्खास्त पुलिसकर्मी गोपाल कृष्ण दास का नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा. इस बात की पुष्टि जांच अधिकारियों ने कर दी है. आरोपी का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट गुजरात में कराया जाएगा. इसी के साथ झारसुगुड़ा जिले की एक अदालत ने बुधवार को आरोपी गोपाल दास की पुलिस रिमांड 13 फरवरी तक बढ़ा दी है. 

कोर्ट ने दी इजाजत
आरोपी गोपाल कृष्ण दास के वकील हरिशंकर अग्रवाल ने बताया कि झारसुगुडा में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की अदालत ने मामले की जांच कर रही अपराध शाखा (सीबी) को बर्खास्त पुलिसकर्मी का नार्को-एनालिसिस और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की इजाजत दे दी है. आरोपी के टेस्ट गुजरात के गांधीनगर में होंगे.

नार्को टेस्ट की प्रक्रिया
नार्को टेस्ट से पहले इंसान की साधारण मेडिकल जांच होती है. ताकि उसकी शारीरिक स्थिति जांची जा सके. इसके बाद उसकी उम्र, लिंग और अन्य मेडिकल कंडिशंस के आधार पर उसे सोडियम पेंटोथाल की डोज दी जाती है. डोज ज्यादा होने पर बुरी स्थिति बन सकती है, इसलिए यह टेस्ट एक्सपर्ट की निगरानी में होता है.

ऐसे होता है नार्को एनालिसिस टेस्ट
नार्को टेस्ट जरूरी नहीं है कि 100 फीसदी सही हो. क्योंकि नशे की हालत में इंसान कई बार उलटे-सीधे जवाब भी देता है. कई बार कहानियां गढ़ने लगता है. इस हालात में अगर सवाल पूछने वाला सही तरीके से सवाल पूछे तो मरीज सही जवाब भी दे सकता है. क्योंकि यह सवाल पूछने का सॉफ्ट तरीका है. कुछ लोग इसे थर्ड डिग्री का नरम तरीका भी कहते हैं. इस टेस्ट के दौरान साइकोलॉजिस्ट को बिठाया जाता है. कोशिश होती है कि सवाल भी वही पूछे. ताकि सही जवाब मिल सके. साइकोलॉजिस्ट के साथ जांच अधिकारी या फोरेंसिक एक्सपर्ट बैठते हैं.

पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया
पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान मशीन के चार या छह प्वाइंट्स को इंसान के सीने, उंगलियों से जोड़ दिया जाता है. फिर उससे पहले कुछ सामान्य सवाल पूछे जाते हैं. इसके बाद उससे अपराध से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं. इस दौरान मशीन के स्क्रीन पर इंसान की हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, नाड़ी आदि पर नजर रखी जाती है. टेस्ट से पहले भी इंसान का मेडिकल टेस्ट किया जाता है. तब उसके सामान्य हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, नाड़ी दर आदि को नोट कर लिया जाता है.

ऐसे होता है पॉलीग्राफ टेस्ट
जब टेस्ट शुरू होता है, सवाल पूछे जाने लगते हैं. तब जवाब देने वाला अगर झूठ बोलता है, उस समय उसका हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, नाड़ी दर घटता या बढ़ता है. माथे पर या हथेलियों पर पसीना आने लगता है. इससे पता चलता है कि इंसान झूठ बोल रहा है. हर सवाल के समय इन सिग्नलों को रिकॉर्ड किया जाता है. अगर इंसान सच बोल रहा होता है, तब उसकी ये सभी शारीरिक गतिविधियां सामान्य रहती हैं.

सीएफएसएल ने की आरोपी की जांच
मंत्री हत्याकांड की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि क्राइम ब्रांच आरोपी को साथ लेकर पहले ही कोलकाता के लिए रवाना हो चुकी है, जहां से वे गुजरात के गांधीनगर के लिए उड़ान भरेंगे. इससे पहले केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) नई दिल्ली की एक टीम ने आरोपी गोपाल कृष्ण दास के कई टेस्ट किए हैं. 

क्राइम सीन रीक्रिएशन
असल में आरोपी की मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए एक टेस्ट किया गया था क्योंकि उसकी पत्नी ने दावा किया था कि उसका पति बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित है, जो अवसादग्रस्तता से लेकर उन्मत्त उच्चता तक के चरम मिजाज का कारण बनता है. उधर, मामले की जांच करने वाली क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को मौका-ए-वारदात पर आरोपी को साथ ले जाकर क्राइम सीन रीक्रिएट किया था.

डीजीपी ने किया घटनास्थल का दौरा
इस बीच, इस मामले की जांच की निगरानी कर रहे ओडिशा के पुलिस महानिदेशक एस के बंसल ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के साथ पहली बार ब्रजराजनगर के गांधी चौक इलाके का दौरा किया, जहां गोपाल कृष्ण दास ने मंत्री नब किशोर दास को गोली मारी थी. बंसल ने कहा ”जांच पूरी होने में कुछ और वक्त लगेगा. क्राइम ब्रांच जस्टिस जेपी दास की निगरानी में मामले की जांच कर रही है.” न्यायमूर्ति दास ने कहा “क्राइम ब्रांच की जांच पटरी पर है. हम मनोवैज्ञानिक परीक्षण रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं.”

आपको बताते चलें कि 29 जनवरी 2023 को गोपाल दास ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से मंत्री पर दो राउंड फायर किए थे और एक गोली उनके सीने में जा लगी थी. उसी दिन भुवनेश्वर के एक अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी.

 



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