RBI MPC Meeting December 2022: बढ़ने वाली है आपके लोन की EMI? अब से थोड़ी देर में RBI का बड़ा ऐलान – RBI MPC Meeting December 2022 result today repo rate may hike news in hindi tutc


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी के बैठक में हुए फैसले का ऐलान आरबीआई गवर्नर आज करेंगे. एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि केंद्रीय बैंक महंगाई में राहत के बीच रेपो रेट में 25-35 बीपीएस तक की एक और बढ़ोतरी कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो एक बार फिर से सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे और EMI का खर्च बढ़ जाएगा. इससे पहले इस साल अब तक केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में चार बार बढ़ोतरी कर चुका है.  

कम बढ़ोतरी की संभावना
भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक सोमवार को शुरू हुई थी. RBI बीते महीनों में कई बार रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद इस बार की मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों को बढ़ाने का ऑप्शन चुन सकता है. हालांकि, बीते दिनों की गई बढ़ोतरी की तुलना में रेपो रेट में नई वृद्धि कम रहने की संभावना है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आज आरबीआई महंगाई दर में नरमी के संकेत के बीच रेपो रेट में पहले की तुलना में कम वृद्धि का ऐलान कर सकता है.   

सितंबर में हुई थी आखिरी बढ़ोतरी
गौरतलब है कि इससे पहले 30 सितंबर को हुई आरबीआई की छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक में रेपो दरों में 0.50 फीसदी का इजाफा किया गया था. लेकिन बीते दिनों आए महंगाई के आंकड़े थोड़ा राहत भरे रहे और महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई. लेकिन इसके बावजूद भी विशेषज्ञों का अनुमान है कि रेपो रेट 0.25- 0.35 फीसदी तक बढ़ सकता है. इस साल रिजर्व बैंक चार बार रेपो रेट में बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) का फैसला ले चुका है. 

इस साल ऐसे बढ़ा रेपो रेट
देश में तय लक्ष्य के ऊपर पहुंची महंगाई को नीचे लाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मई 2022 से अब तक चार बार रेपो रेट में वृद्धि का फैसला लिया है.  RBI ने मई में रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी, जबकि इसके अगले ही महीने यानी जून में 0.50 फीसदी का इजाफा किया. इसके बाद अगस्त महीने में फिर से 0.50 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली, जबकि सितंबर में भी केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दरों को 0.50 फीसदी बढ़ाया था. मई से लेकर सितंबर तक रेपो रेट 1.90 फीसदी बढ़कर 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है. 

Repo Rate और ईएमआई में संबंध 
रेपो दर (Repo Rate) का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन (Loan) और ईएमआई (EMI) से होता है. दरअसल, रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है. रेपो रेट के कम होने से लोन की ईएमआई घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी से सभी तरह का लोन महंगा हो जाता है और इसी क्रम में ईएमआई में भी इजाफा देखने को मिलता है. 

 



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