स्टोरी हाइलाइट्स
- ओमिक्रॉन पर WHO की चेतावनी
- धीमे टीकाकरण और लो टेस्टिंग को बताया खतरनाक
- डेल्टा वेरिएंट को लेकर सतर्क रहने की नसीहत
पिछले 2 सालों मे कोरोना वायरस ने कई मौकों पर अपना स्वरूप बदला है. एक समय चीन के वुहान से निकला वो वायरस अब नए-नए वेरिएंट की वजह से ज्यादा खतरनाक और जानलेवा बन गया है. इसी कड़ी में नया वेरिएंट है ओमिक्रॉन जिसको विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी वेरिएंट ऑफ कंसर्न माना है. अब तक 23 देशों में फैल चुके इस नए वेरिएंट को लेकर ज्यादा जानकारी तो सामने नहीं आई है, लेकिन WHO ने पूरी दुनिया को सावधान जरूर कर दिया है.
ओमिक्रॉन पर WHO की चेतावनी
कहा गया है कि पूरी दुनिया में कोरोना महामारी को लेकर एक ऐसा ट्रेंड बना हुआ है, जहां पर ना सिर्फ धीमा टीकाकरण देखने को मिला है, बल्कि कोरोना टेस्टिंग भी काफी लो रह गई है. ऐसे में WHO मानता है कि यही ट्रेंड कोरोना के कई वेरिएंट को ज्यादा ताकतवर बना देता है और उनका किसी भी देश में फैलने का खतरा भी काफी ज्यादा बढ़ जाता है. अब सवाल आता है कि ऐसे में ओमिक्रॉन वेरिएंट से कैसे दुनिया को सुरक्षित किया जाए. इस सवाल पर WHO ने कहा है कि किसी को भी कुछ नया करने की जरूरत नहीं है. कोरोना के कुछ हथियार पहले से ही मौजूद हैं, सिर्फ सही समय पर सही तरीके से उनका इस्तेमाल होना जरूरी है.
वैसे अभी कुछ देशों ने ओमिक्रॉन खतरे से बचने के लिए ट्रैवल बैन जैसे कदम उठाए हैं. लेकिन WHO इसे सही नहीं मान रहा है. उनकी नजरों में ये फैसले सिर्फ कई लोगों की जिंदगी पर असर डालते हैं, वायरस इससे नहीं रुक सकता.
डेल्टा वेरिएंट को लेकर सतर्क रहने की नसीहत
वहीं WHO ने इस बात पर भी जोर दिया है कि ओमिक्रॉन के बीच डेल्टा वेरिएंट के खतरे को कम नहीं आंका जा सकता है. स्पष्ट कर दिया गया है कि अभी भी दुनिया मे सबसे ज्यादा कोरोना मामले डेल्टा वेरिएंट की वजह से ही देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में कहा गया है कि जिस तरह से कुछ देशों ने डेल्टा के प्रकोप को कम किया, कुछ वैसी ही रणनीति ओमिक्रॉन को लेकर भी अपनानी होगी.
इस सब के अलावा WHO ने तल्ख अंदाज में ये भी कह दिया कि कुछ देश डेल्टा वेरिएंट को रोकने में भी फेल हो गए थे, ऐसे में वे ओमिक्रॉन को लेकर क्या करेंगे, वो बड़ा सवाल है. वैसे अभी के लिए ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर पूरी दुनिया के पास सीमित जानकारी है. ये वेरिएंट वैक्सीन के असर को क्या कम करता है, ये वेरिएंट कितनी तेजी से फैलता है, क्या ये वेरिएंट ज्यादा जानलेवा है? अब अभी तक इन सवालों के जवाब नहीं मिले हैं, ऐसे में WHO अभी अपनी जांच को जारी रख रहा है.
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