इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में मिली हार के साथ ही भारतीय टीम का टी20 वर्ल्ड कप 2022 में सफर समाप्त हो चुका है. शर्मनाक हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा और हेड कोच राहुल द्रविड़ की रणनीति सवालों के दायरे में है. दोनों मिलकर जिस तरह से लगातार प्रयोग कर रहे थे, वह सब फेल साबित हुआ है. कुछ फैसले तो काफी हैरतअंगेज थे. एक ऐसा ही फैसला लेग-स्पिनर युजवेंद्र चहल को लेकर था जिन्हें पूरे टूर्नामेंट में बेंच पर बैठना पड़ा.
लेग स्पिनर्स कर रहे कमाल
आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि युजवेंद्र चहल को नहीं खिलाना भारतीय टीम को किस तरह भारी पड़ा. टी20 वर्ल्ड कप 2022 के सुपर-12 स्टेज से अबतक कुल 9 लेग स्पिनर्स ने मिलकर 131 ओवर फेंके हैं जिसमें उन्होंने 22.29 की औसत से कुल 41 विकेट हासिल किए. इस दौरान लेग स्पिनर्स का इकोनॉमी रेट 6.93 और स्ट्राइक रेट 19.29 का रहा.
इंग्लैंड की ओर से दो लेग-स्पिनरों को गेंदबाजी करने का मौका मिला. वहीं अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, आयरलैंड, पाकिस्तान, श्रीलंका और जिम्बाब्वे की ओर से एक-एक लेग स्पिनर ने गेंदबाजी की. केवल साउथ अफ्रीका, भारत, नीदरलैंड और बांग्लादेश ने लेग-स्पिनर्स पर भरोसा नहीं जताया. फिलहाल श्रीलंकाई लेग-स्पिनर वानिंदु हसारंगा ही मौजूदा वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बॉलर हैं.
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टी20 वर्ल्ड कप 2022 के सुपर-12 स्टेज से अबतक 17 ऑफ-स्पिनर्स ने मिलकर 111 ओवरों की गेंदबाजी की. इस दौरान उन्होंने 24.44 की स्ट्राइक रेट एवं 7.46 की इकोनॉमी रेट से 34 विकेट चटकाए है. वहीं बाएं हाथ के स्लो स्पिनर की बात की जाए तो उन्होंने 122 ओवर की बॉलिंग की और 7.31 की इकोनॉमी रेट एवं 20.39 की स्ट्राइक रेट से कुल 36 विकेट हासिल किए. यानी कि लेग स्पिनर्स का इकोनॉमी रेट, औसत एवं विकेट्स की संख्या दूसरे स्पिनर्स की तुलना में बेहतर था. साथ ही लेग स्पिनर्स का एवरेज भी इनकी तुलना में अच्छा रहा.
टी20 वर्ल्ड कप में स्पिनर्स (सुपर-12 स्टेज से)
लेग-स्पिनर (9): 131 ओवर, 914 रन, 41 विकेट, औसत 22.29, स्ट्राइक रेट 19.29, इकोनॉमी 6.93
ऑफ-स्पिनर (17): 111 ओवर, 831 रन, 34 विकेट, औसत 24.44, स्ट्राइक रेट 19.65, इकोनॉमी रेट 7.46
लेफ्ट-आर्म स्लो (14):122 ओवर, 894 रन, 36 विकेट, औसत 24.83, स्ट्राइक रेट 20.39, इकोनॉमी रेट 7.31
अश्विन-अक्षर की जोड़ी रही बेअसर
भारत की ओर से इस इवेंट में बाएं हाथ के स्लो बॉलर अक्षर पटेल और दाएं हाथ के ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और लगातार मौका दिया गया. इस दौरान अश्विन ने 6 मैचों में महज 6 विकेट चटकाए और उनका इकोनॉमी रेट 8.15 का रहा. सेमीफाइनल मुकाबले में तो अश्विन की काफी धुनाई हुई और उन्होंने दो ओवर में 27 रन दे दिए. अक्षर पटेल का भी हाल कुछ सही नहीं था और वह चार मैचों में महज तीन विकेट चटकाए. यदि चहल को कम से कम सेमीफाइनल में मौका मिलता कुछ बात बन सकती थी.